CHIRANJIT TEWARY stories download free PDF

तेरे मेरे दरमियान - 32

by CHIRANJIT TEWARY
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अशोक जानवी की बात को सुनकर हैरान और परेशान भी हो जाता है के उसके कारण कही आदित्य की ...

श्रापित एक प्रेम कहानी - 12

by CHIRANJIT TEWARY
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चतुर कहता है -----चतुर :- तुम दोनो पागल हो । अब यहां रुक के क्या फ़ायदा । जल्दी निकलो ...

तेरे मेरे दरमियान - 31

by CHIRANJIT TEWARY
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मोनिका विकी के ऐसा कहने पर हैरान थी उसे अब आदित्य के बातो पर भरोसा होने लगा था । ...

श्रापित एक प्रेम कहानी - 11

by CHIRANJIT TEWARY
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चटान सिंह कहता है ----चट्टान सिंह :- वो इंद्रजीत का बेटा एकांश आया है ना । लंदन से डॉक्टर ...

तेरे मेरे दरमियान - 30

by CHIRANJIT TEWARY
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रेखा हल्दी लगाते हूए कहती है -----रेखा :- हमेशा खुश रहो । जानवी बहोत प्यारी बच्ची है , तुम ...

श्रापित एक प्रेम कहानी - 10

by CHIRANJIT TEWARY
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चतुर गुस्से से कहता है ।चतुर :- क्या बोला बे छक्क....... साले रुक तु ।इतना बोलकर चतुर गुना को ...

तेरे मेरे दरमियान - 29

by CHIRANJIT TEWARY
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तिरु और आदित्य वहां से चला जाता है तो अशोक हार को दैखकर कहता है -----अशोक :- बेटा ये ...

श्रापित एक प्रेम कहानी - 9

by CHIRANJIT TEWARY
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आलोक दक्षराज की और देखता है और कहता है ।आलोक :- वो एक काम है इसिलिए मुझे जाना होगा ...

तेरे मेरे दरमियान - 28

by CHIRANJIT TEWARY
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विकी आदित्य के वजह से वो मोनिका के साथ वो सब नही कर पाया जो वो करना चाहता था ...

श्रापित एक प्रेम कहानी - 8

by CHIRANJIT TEWARY
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वर्शाली के इतने करीब आने से एकांश का दिल जौर जौर से धड़क रहा था । एकांश बस वर्शाली ...